इस्लाम व्यापार और सूदी निज़ाम

आज के युग मे भी बैंक के जरिये कर्ज़ लेन देन को मुस्लिम समाज के कुछ वर्गो मे अब भी गलत समझा जाता है , यह एक भ्रांति है । यह सोच मुस्लिम समाज के पिछड़ेपन का कारक है ।

इस्लाम में ज़कात

ज़कात कब अदा किए जाए ?  कुरान कहता है , जब फसल कट जाए और जों मुआवज़ा हासिल हो उसका एक हिस्सा खुदा की रह मे खर्च किया जाए