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रमज़ान की बरकते : खुदा की तरफ से तोहफा
रमजान खुदा की तरफ अपनी तवज्जोह लगाने और कुरान पढ़ने का एक पुरसुकून और सुकून भरा वक़्त लेकर आता है,…खुदा को याद करने के मौके
तुम मुझे याद रखो, मैं तुम्हें याद रखूँगा और मेरा शुक्र अदा करो, नाशुक्री न करो।खुदा को मज़बूत पकड़ो
हमें अक्सर अकेले खुदा में अपने ईमान और ईमान की तस्दीक करने और उसे मज़बूती से थामे रखने की ज़रूरत…अहंकार
याद करो कि मूसा ने अपनी कौम से कहा था, "ऐ मेरी क़ौम के लोगो, तूने बछड़े की इबादत करके…दान की अहमियत
और तुम जो कुछ भी ख़र्च करो या तुम जो मन्नत भी मानो तो अल्लाह उसे यक़ीनन जानता है,ख़ुदा का शुक्र
हमने इनसान को एक मख़लूत नुत्फ़े से पैदा किया ताकि उसका इम्तिहान लें और इस ग़रज़ के लिये हमने उसे…सच्ची ख़ुशी
इस जिंदगी में हमारा मकसद क्या है? क्या यह तालीम हासिल करना है, फिर नौकरी करना है, फिर एक बड़ा घर…शुक्रगुज़ारी
और जब तुम्हारे रब ने तुमको आगाह कर दिया कि अगर तुम शुक्र करोगे तो मै तुमको ज़्यादा दूंगा और…मुस्लिम औरते और बुर्का प्रथा
जिस समाज की तालीमात मे अख्लाकीयत,शराफ़त से ज़्यादा कपड़ो से औरतों को ढाँक देने का रिवाज हो वो समाज इतिहास…इस्लाम व्यापार और सूदी निज़ाम
आज के युग मे भी बैंक के जरिये कर्ज़ लेन देन को मुस्लिम समाज के कुछ वर्गो मे अब भी…