ख़ुदा की अज़मत

3:46 मिनट

और उन्होंने अल्लाह की क़द्रो ता’ज़ीम नहीं की जैसे उसकी क़द्रो ता’ज़ीम का ह़क़ था और सारे की सारी ज़मीन क़यामत के दिन उसकी मुठ्ठी में होगी और सारे आसमानी कुर्रे उसके दाएं हाथ (या’नी कब्ज़ए क़ुदरत) में लिपटे हुए होंगे, वो पाक है और हर उस चीज़ से बुलंदो बरतर है जिसे यह लोग शरीक ठहराते हैं। कुरान (39:67)

हमे कुरान की आयत 39:67 से समझ आता हैं कि ख़ुदा की अज़मत इंसानी समझ से बहुत परे है – आयत बताती है कि तमाम सातो कायनात(Universe) “ख़ुदा के हाथ में है ।“

कुरान के मज़बूत Mathematics Code (19) के ज़रिये हमने जाना कि हमारी कायनात सात कायनातो (41:12, 55:33, 67: 5, और 72: 8-12) का सबसे छोटा और सबसे अंदरूनी हिस्सा है। इस बीच, हमारी Scientific Progress ने हमें दिखाया है कि हमारी Galaxies, Milky Way, 100,000 Light Year के फ़ासले मे है, और यह कि हमारे कायनात में एक अरब Galaxies और एक अरब ट्रिलियन तारे हैं, साथ ही बेइफराद आसमानी रूहे भी हैं। हमारे कायनात का तय फासला 20,000,000,000 Light Year से भी कही ज़्यादा है।

सितारो की गिनती  !

यदि हम केवल एक Quintillion [1,000,000,000,000,000,000] तारे लेते हैं और बस उन्हें [0 से Quintillion तक ] per second, दिन और रात में एक हिसाब किताब करते हैं, तो यह 32 Billion years जो कि (इस कायनात की उम्र से अधिक) ले जायगा। यही वजह है कि उन्हें केवल “गिनती” करने में कितना वक़्त लगेगा; लेकिन ख़ुदा ने उन्हें “बनाया”। ऐसी ख़ुदा की अज़मत है।

हम अपनी कायनात के फैलाव की तारीफ़ कर सकते हैं यदि हम एक Space Odysseyपर जाने का ख़्याल करते हैं। अगरचे हम अपनी ज़मीन यानि planet Earth को छोड़कर सूरज की तरफ जाते हैं, तो रोशनी की रफ़्तार से, हम 93,000,000 मील और 8 मिनट के बाद सूरज तक पहुँचते हैं। हमारी Galaxy से बाहर निकलने के लिए हमें रोशनी के रफ़्तार से 50,000 साल से अधिक वक़्त लगेगा। Milky Way की बाहरी हद से, हमारी ज़मीन दिखाई नहीं देती  है। यहां तक ​​कि सबसे ताक़तवर दूरबीन भी हमारी छोटी “ज़मीन”(Planet Earth) का पता नहीं लगा सकती है।

हमें अपनी Galaxy के अगले दरवाज़े तक पहुँचने के लिए रोशनी की रफ़्तार से 2,000,000 से अधिक साल बिताने होंगे। रोशनी की रफ़्तार से कम से कम 10,000,000,000 साल, हमारी कायनात की बाहरी हद(Limit) तक पहुंचने के लिए खर्च होने चाहिए। हमारे कायनात की बाहरी हद से, यहां तक ​​की Milky Way एक बड़े कमरे में धूल के एक छींटे की तरह है।

और हमारी Second Universe हमारी Universe को घेरे हुई है । और Third Universe दूसरे से भी बड़ी है । ज़्यादा बेहतर तरीके से देखा जाये तो  हमारी Universe को Seventh Universe माना जाना चाहिए, जो sixth Universe से घिरा हुआ है, और sixth universe जो कि Fifth Universe से घिरा हुआ है ।

क्या आप इससे पहले, सबसे बाहरी Universe की अज़मत का तसव्वुर कर सकते हैं? हमारी first Universe के घेरे की तफ़सील करने के लिए कोई नंबर ही मौजूद नहीं है।

ये बेमिसाल फैलाव “खुदा के हाथ की मुट्ठी मे है” । सबसे बाहरी Universe की बाहरी limit से, हमारी ज़मीन कहाँ है? यह कितनी अहम बात है? ज़मीन कहे जाने वाले बेहद छोटी जगह पर, मैरी, जीसस और मुहम्मद जैसे छोटी छोटी मख़लूक़ रहते थे। फिर भी, कुछ लोगों ने इन बे इख्तियार इन्सानो को देवता के तौर पर क़ायम किया !

खुदा की अज़मत की नुमाइंदगी न केवल इस हक़ीक़त से लगाया जा सकता है कि वह अपने हाथ में सातो कायनात रखता है, बल्कि इस हक़ीक़त से भी है कि वह हर Atom, यहां तक ​​कि Sub-Atomic components को पूरी तरह से control करता है बल्कि पूरी कायनात मे हर जगह । जैसा की क़ुरान में मौजूद है (6:59, 10:61, & 34: 3)

और ग़ैब की कुंजियां उसी के पास (उसकी क़ुदरतो मिल्कियत में) हैं उन्हें उसके सिवा कोई नहीं जानता, और वो हर उस चीज़ को (बिला वास्ता) जानता है जो खुश्की में और दरियाओं में है, और कोई पत्ता नहीं गिरता मगर (यह कि) वो उसे जानता है और न ज़मीन की तारीकियों में कोई (ऐसा) दाना है और न कोई तर चीज़ है और न कोई खुश्क चीज़ मगर रौशन किताब में (सब कुछ लिख दिया गया है)।6:59

 नोट :- यह आर्टिकल इस्लामिक विख्यात प्रोफ़ेसर डॉ रशाद खलीफा के Appendix 6  ( Greatness of God) का हिंदी रूपांतरण है ।

https://www.masjidtucson.org/quran/appendices/appendix6.html

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